Life Times
Search
Close this search box.
7k Network

क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय योग दिवस? कब हुई शुरुआत, क्या है इस दिन का महत्व – News18 हिंदी

हाइलाइट्स

21 जून 2015 को दुनिया भर में पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था.
योग के महत्व को समझाने के लिए हर वर्ष दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है.

International Yoga Day 2023: हेल्दी लाइफ के लिए योग करना बहुत आवश्यक है. योग शरीर में ऊर्जा का संचार करता है और इसे स्वस्थ रखने में मदद करता है. योग के इसी महत्त्व को समझाने के लिए देश और दुनिया में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International yoga day) मनाया जाता है.

दरअसल योग सदियों से ही भारतीय संस्कृति का खास हिस्सा रहा है और इसको आरोग्य का प्रभावी साधन माना गया है. भारत की पहल पर योग की ताकत को समझते हुए दुनिया भर में योग को महत्व दिया जाता है. इसी के चलते संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया.

इस तरह हुई अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत
इंटरनेशनल योगा डे को मनाने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र संघ की बैठक में एक प्रस्ताव रखा था. जिसमें वर्ष में किसी एक दिन को योग के नाम करने की बात कही गयी थी. प्रधानमंत्री के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्वीकार कर लिया था. प्रस्ताव पारित होने के साथ ही हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की घोषणा कर दी गयी थी. जिसके बाद 21 जून 2015 को दुनिया भर में पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था. जिसका नेतृत्व भारत के द्वारा किया गया था. इस दिन 35 हजार से ज्यादा लोगों ने दिल्ली के राजपथ पर योगासन किया था, जिसमें 84 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था. इस इवेंट को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया था.

ये भी पढ़ें: Surya Namaskar Benefits: सूर्य नमस्कार से पिघलेगी शरीर की चर्बी, चमत्कारी लाभ के लिए रोज इतनी देर करें अभ्यास

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को ही क्यों मनाया जाता है?
इंटरनेशनल योगा डे को 21 जून को मनाने की वजह बहुत खास है. दरअसल ये दिन उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है. इसे लोग ग्रीष्म संक्रांति भी कहते हैं और भारतीय परंपरा के मुताबिक, ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन होता है. इस दिन सूर्य की किरणें सबसे ज्यादा देर तक धरती पर मौजूद रहती हैं. जिसको प्रतीकात्मक रूप से स्वास्थ्य और जीवन से जोड़कर देखा जाता है. इसीलिए इस दिन को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है.

ये भी पढ़ें: Yoga Session: रोज करें कपालभाति और अनुलोम-विलोम, बेहतर होगा मेटाबोलिज्म, तेजी से कम होगा वजन

क्या है अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का उद्देश्य?
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों में योगाभ्यास के प्रति जागरुकता पैदा करना है. जिससे लोग नियमित रूप से योगाभ्यास करने का समय निकाल सकें. दरअसल आजकल की लाइफ स्टाइल में शारीरिक गतिविधियों में कमी की वजह से ज्यादातर लोगों को शुगर, ब्लड प्रेशर और कई और तरह की गंभीर बीमारियां हो रही हैं. जिससे निजात पाने और खुद को स्वस्थ रखने के लिए योग एक बेहतर माध्यम हो सकता है.

Tags: Benefits of yoga, Health, International Yoga Day, Lifestyle, Yoga

Source link

Life Times
Author: Life Times

Next Story

Surya Namaskar Benefits: सूर्य नमस्कार से पिघलेगी शरीर की चर्बी, चमत्कारी लाभ के लिए रोज इतनी देर करें अभ्यास

हाइलाइट्स

सूर्य नमस्कार 12 आसनों का एक सीक्वेंस है, जिसका अभ्यास बेहद लाभकारी होता है.
डाइजेशन की समस्या से जूझ रहे लोगों को सूर्य नमस्कार से काफी फायदा मिलता है.

Tips To Practice Surya Namaskar For Weight Loss: योग करने से हमारी शरीर और मन स्वस्थ रहता है. योग का नियमित अभ्यास करने से आप लंबे समय तक निरोगी जिंदगी का आनंद ले सकते हैं. योगासन एक बेहतरीन शारीरिक गतिविधि है, जो आपके मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाते हैं. योगासन में सबसे जरूरी सूर्य नमस्कार को माना जा सकता है. सूर्य नमस्कार 12 आसनों का एक सीक्वेंस है. इसका सही तरीके से अभ्यास करने से पेट की चर्बी कम होती है और वजन घटाने में मदद मिलती है. इसके लगातार अभ्यास से मेंटल हेल्थ को भी मजबूती मिल सकती है. सूर्य नमस्कार कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस को बेहतर बनाने में भी योगदान कर सकता है. आज आपको बताएंगे कि सूर्य नमस्कार में कौन से आसन होते हैं और इनका किस तरह अभ्यास करना चाहिए.

सूर्य नमस्कार का अभ्यास करने से रोज करीब 13-17 कैलोरी बर्न की जा सकती है, जिससे वजन घटाने में मदद मिल सकती है. हेल्दिफाई मी की रिपोर्ट के अनुसार सूर्य नमस्कार के साथ अच्छी डाइट और बेहतर लाइफस्टाइल को फॉलो किया जाए, तो आपको मनमुताबिक रिजल्ट मिल सकता है. अगर आप योगाभ्यास की शुरुआत कर रहे हैं, तो शुरू में प्रतिदिन सूर्य नमस्कार के 5-10 चक्र का अभ्यास करना चाहिए. धीरे-धीरे आप इस प्रैक्टिस को बढ़ाते जाएं और इससे आपको फायदे मिलना शुरू हो जाएंगे. कई स्टडी में भी सूर्य नमस्कार के फायदों पर मुहर लग चुकी है. हालांकि सूर्य नमस्कार करने पर किसी तरह की दिक्कत हो, तो अभ्यास नहीं करना चाहिए और डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

जानें सूर्य नमस्कार का सही क्रम

– प्रणामासन
– उर्ध्व हस्तासन
– उत्तानासन
– अश्व संचालनासन
– चतुरंगा दंडासन
– अष्टांग नमस्कार
– भुजंगासन
– अधो मुख संवासन
– अश्व संचालनासन
– उत्तानासन
– उर्ध्व हस्तासन
– प्रणामासन

चमत्कारी लाभ के लिए ऐसे करें अभ्यास

अगर आप कम समय में सूर्य नमस्कार से चौंकाने वाले लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप 5-10 बार सूर्य नमस्कार के अभ्यास के साथ शुरुआत करें और इस अभ्यास को 100 बार तक ले जाएं. अगर आप सावधानी के साथ ऐसा करेंगे, तो कम समय में आप जीरो फिगर का टारगेट हासिल कर सकते हैं. सूर्य नमस्कार के अभ्यास में आपके शरीर की मांसपेशियां, हाथ पैर समेत कई अंग शामिल होते हैं. इससे मांसपेशियों में वृद्धि हो सकती है और शरीर की संरचना में सुधार हो सकता है. यह अभ्यास कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य में सुधार करने, मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने और वजन घटाने में मदद कर सकता है. हालांकि सूर्य नमस्कार के साथ पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लेना बहुत जरूरी है.

यह भी पढ़ें- गर्मियों में खूब खाएं ये 5 स्वादिष्ट फल, चिलचिलाती धूप में भी रहेंगे कूल-कूल, पोषण की मिलेगी हैवी डोज

सूर्य नमस्कार के 5 अन्य फायदे जान लें

– सूर्य नमस्कार के दौरान सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया फेफड़ों को ऑक्सीजन देने में मदद करती है. इससे पूरे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन इंप्रूव होता है. इससे शरीर और मन को आराम व ताजगी महसूस होती है.

– सूर्य नमस्कार पाचन अंगों को अधिक प्रभावी ढंग से कार्य करने में सक्षम बनाता है. इससे डाइजेशन सिस्टम बेहतर हो जाता है. आगे की ओर झुकने वाला यह अभ्यास आपकी आंतों को स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है.

– सूर्य नमस्कार आपकी त्वचा को चमकदार बनाता है और बालों को मजबूत बनाता है. सूर्य नमस्कार ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है, जिससे चेहरे पर निखार आता है और झुर्रियों को रोकने में मदद मिल सकती है.

यह भी पढ़ें- इन 5 शाकाहारी फूड्स में नॉन वेज से भी ज्यादा होता है प्रोटीन ! शरीर को बना देंगे फौलादी, डाइट में करें शामिल

– आप सूर्य नमस्कार करके अपनी मांसपेशियों और जॉइंट्स को मजबूत बना सकते हैं. यह आपकी रीढ़ की लचीलेपन में भी मदद करता है. जैसे-जैसे आप मुद्राओं का अभ्यास करते हैं, आप अधिक लचीले और फुर्तीले होते जाते हैं.

– अगर सही तरीके से किया जाए तो योगासन मस्तिष्क को शांत करने में मदद करते हैं. सूर्य नमस्कार के आसन तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करते हैं और एंजाइटी कम करते हैं. इससे मेंटल हेल्थ को मजबूती मिलती है.

Tags: Benefits of yoga, Health, Lifestyle, Trending news, Yoga

Source link

Life Times
Author: Life Times

Next Story

World Milk Day 2023: अधिक दूध पीने से हो सकते हैं 5 बड़े नुकसान, जान लें एक दिन में कितना मिल्क पीना है हेल्दी

हाइलाइट्स

लॉक्टोज इंटॉलरेंस है तो आप दूध या इससे बनी चीजों का सेवन करेंगे तो स्किन एलर्जी हो सकती है.
अधिक दूध पीने से आपको ब्लोटिंग और डाइजेशन से संबंधित समस्याएं भी हो सकती हैं.

Milk Side Effects: आज दुनिया भर में ‘वर्ल्ड मिल्क डे’ मनाया जा रहा है. दूध पीना बच्चों के साथ ही बड़ों, बुजुर्गों के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है. प्रतिदिन एक गिलास दूध पीने से शरीर में कैल्शियम, विटामिन डी की कमी नहीं होती है. इससे हड्डियां, दांत सभी मजबूत होते हैं. दूध में कैल्शियम, विडामिन डी के अलावा भी कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जैसे एनर्जी, फैट, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फॉस्फोरस, पोटैशियम, सोडियम, मैग्नीशियम, विटामिंस, जिंक आदि. ये सभी शरीर को किसी ना किसी तरह से फायदा पहुंचाते हैं. हालांकि, कुछ लोगों को लैक्टोज इंटॉरलेंस होने के कारण दूध से एलर्जी होती है, वे जल्दी दूध को पचा नहीं पाते हैं. वहीं कुछ लोगों को दूध पीना इतना पसंद होता है कि वे एक दिन में तीन-चार गिलास दूध पी जाते हैं. क्या आप जानते हैं कि अधिक दूध पीना भी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. चलिए जानते हैं जब आप अधिक दूध का सेवन करते हैं तो क्या-क्या नुकसान हो सकता है.

दूध अधिक पीने के नुकसान

1. बचपन से ही बच्चों को दूध पिलाने की सलाह एक्सपर्ट देते हैं, क्योंकि दूध पीने से हड्डियों को मजबूती मिलती है. शरीर में कैल्शियम, विटामिन डी की कमी नहीं होती है. बेशक, दूध सेहत के लिए कई तरह से आवश्यक ड्रिंक है और कई फायदे भी पहुंचाता है, लेकिन इसका एक दिन में अत्यधिक सेवन कुछ नुकसान (side effects of milk) भी पहुंचा सकता है. हेल्थशॉस्ट्स में छपी एक खबर के अनुसार, महिलाएं यदि एक दिन में तीन या इससे अधिक गिलास दूध का सेवन करती हैं तो इससे कार्डियोवैस्कुलर डिजीज होने का रिस्क बढ़ सकता है. इतना ही नहीं, इससे 44 प्रतिशत तक कैंसर होने का रिस्क भी बढ़ सकता है.

2. अमेरिकन नेशनल इंस्टीट्यूट्स ऑफ हेल्थ के अनुसार, लगभग 65 प्रतिशत वयस्कों को लैक्टोज इंटॉलरेंस की समस्या होती है. इसका मुख्य लक्षण है जी मिचलाना और अधिक गंभीर मामलों में उल्टी भी हो सकती है. खासकर तब, जब आप दूध पीते हैं या फिर डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करते हैं. इसमें दूध, आइसक्रीम, चीज आदि फूड्स शामिल हो सकते हैं, इनमें लैक्टोज होता है.

3.अधिक दूध पीने से आपको ब्लोटिंग और डाइजेशन से संबंधित समस्याएं भी हो सकती हैं. ब्लोटिंग, क्रैम्प, डायरिया आदि हो सकता है, जब आप अधिक दूध पीते हैं. यदि आपको लैक्टोज इंटॉलरेंस है तो आपका शरीर लैक्टोज को सही तरीके से तोड़ने में सक्षम नहीं होता है. यह डाइजेस्टिव सिस्टम में घूमता रहता है, जो पेट में मौजूद बैक्टीरिया के द्वारा टूटता है. इस वजह से गैस और पाचन संबंधित कई अन्य परेशानियों होने लगती हैं.

इसे भी पढ़ें: रात को गर्म दूध पीकर सोने के हैं 5 जबरदस्त फायदे, वेट लॉस का है अचूक उपाय, हड्डियों को बनाता है फोलाद

4. कुछ लोगों में अधिक दूध पीने से एक्ने, मुंहासों की समस्या बढ़ सकती है. खासकर, मलाई रहित दूध एक्ने को अधिक बढ़ा सकता है. आजकल मिलने वाले दूध में मिल्क-प्रोडक्शन रेगुलेटिंग हॉर्मोंस होते हैं, जो इंसुलिन के रेगुलेशन में गड़बड़ी लाकर एक्ने, मुंहासों के बढ़ने के कारण बनते हैं. स्किम्ड दूध मुंहासों को बढ़ा सकता है. ऐसे में आप फुल फैट गाय का दूध पिएं, जिसमें आमतौर पर किसी भी तरह के हार्मोन को इंजेक्ट नहीं किया जाता है.

5. यदि आपको लॉक्टोज इंटॉलरेंस है तो आप दूध या इससे बनी चीजों का सेवन करेंगे तो स्किन एलर्जी, आंखों से पानी आना, त्वचा में खुजली होना, पेट में क्रैम्प होने की समस्या हो सकती है. यदि आपको दूध से किसी भी तरह की समस्या है तो आप इसके विकल्प में चीज, छाछ आदि का सेवन कर सकते हैं.

दूध में मिलाकर पी लें यह चीज, तत्काल दिखेगा असर; रातों-रात बढ़ जाएगी इम्यूनिटी

एक दिन में कितना पिएं दूध?
जिन लोगों की उम्र 9 वर्ष से अधिक होती है, उन्हें प्रतिदिन तीन कप दूध पीना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि दूध और इससे बनने प्रोडक्ट्स कैल्शियम, प्रोटीन, पौटिशयम, जिंक, मैग्नीशियम, सेलेनियम, राइबोफ्लेविन, फॉस्फोरस, विटामिन ए, डी, बी12 आदि का बेहतरीन सोर्स होते हैं. लेकिन, इससे अधिक दूध पीना नुकसानदायक हो सकता है. हालांकि, कुछ लोगों को दूध पीने से पूरी तरह से परहेज करना चाहिए जैसे लैक्टोज इंटॉलरेंस की समस्या है तो भूलकर भी दूध का सेवन ना करें. इससे आपको पेट में क्रैम्प, ब्लोटिंग, डायरिया आदि भी हो सकता है.

Tags: Health, Lifestyle

Source link

Life Times
Author: Life Times

Next Story

Vitamin C Serum Side Effects: आप भी ग्लोइंग स्किन के लिए लगाते हैं विटामिन C सीरम, साइड इफेक्ट जानकर चौंक जाएंगे

हाइलाइट्स

इस सीरम का ज्यादा इस्तेमाल करने से एक्ने की समस्या बढ़ सकती है.
विटामिन सी सीरम का इस्तेमाल सेंसिटिव स्किन वालों को नहीं करना चाहिए.

Tips To Use Vitamin C Serum: स्किन को चमकदार और जवां बनाए रखने के लिए लोग तमाम प्रोडक्ट इस्तेमाल करते हैं. वर्तमान समय में लोग स्किन को ग्लोइंग बनाए रखने के लिए विटामिन C सीरम का इस्तेमाल कर रहे हैं. पिछले कुछ समय में इस सीरम का ट्रेंड तेजी से बढ़ा है. तमाम लोग सीरम को अत्यधिक फायदेमंद समझकर इसका प्रतिदिन इस्तेमाल कर रहे हैं. हालांकि ऐसा करना स्किन के लिए नुकसानदायक हो सकता है. सीरम के बारे में जानकारी न होने पर इसका यूज करने से बचना चाहिए, क्योंकि हर किसी की स्किन अलग तरह की होती है और उन पर सभी प्रोडक्ट अच्छा असर नहीं डालते हैं. आज आपको बताएंगे कि विटामिन C सीरम का ज्यादा इस्तेमाल करने से किन परेशानियों का शिकार हो सकते हैं.

यूपी के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर के असिस्टेंट प्रोफेसर और डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. युगल राजपूत कहते हैं कि विटामिन C शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है, जिससे हमारी स्किन, हेयर और खून की धमनियों को मजबूती मिलती है. विटामिन C खाने-पीने की चीजों से मिलता है और डाइट में ऐसे फूड्स को जरूर शामिल करना चाहिए. डाइट से मिलने वाला विटामिन C स्किन समेत शरीर के अधिकतर अंगों को फायदा पहुंचाता है. संतरा, नींबू समेत कई फलों में विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है. हालांकि विटामिन C सीरम को स्किन के लिए ज्यादा असरदार नहीं माना जा सकता. इससे कुछ देर के लिए स्किन पर निखार आ सकता है, लेकिन कुछ देर बाद स्किन वैसी ही हो जाती है. लोग इस सीरम को त्वचा को जवां बनाए रखने के लिए इस्तेमाल करते हैं, लेकिन यह बेहद हल्का एंटी-एजिंग एजेंट होता है. इसका स्किन पर कोई खास असर नहीं होता है.

डॉ. युगल राजपूत के मुताबिक विटामिन C सीरम अलग-अलग कॉन्संट्रेशन में आते है और स्किन टाइप के अनुसार ही इनका चुनाव करना चाहिए. डॉक्टर की सलाह के बिना इनका इस्तेमाल करने से स्किन डैमेज होने का खतरा रहता है. जो लोग कील-मुंहासों की समस्या से जूझ रहे हैं, उन्हें इस सीरम का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, वरना एक्ने की परेशानी बढ़ सकती है. विटामिन सी सीरम का ज्यादा इस्तेमाल करने से स्किन इरिटेशन हो सकती है. ऑयली स्किन वाले लोगों की स्किन इस सीरम से खराब होने का खतरा रहता है. सेंसिटिव स्किन वाले लोग भी सीरम का इस्तेमाल सोच-समझकर करना चाहिए. हालांकि इसके कोई गंभीर साइड इफेक्ट्स नहीं होते, फिर भी सावधानी के साथ डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसका यूज करना चाहिए.

यह भी पढ़ें- इन 5 शाकाहारी फूड्स में नॉन वेज से भी ज्यादा होता है प्रोटीन ! शरीर को बना देंगे फौलादी, डाइट में करें शामिल

Tags: Health, Lifestyle, Skin care, Trending news

Source link

Life Times
Author: Life Times

Next Story

पार्किसंस रोग की गंगाराम अस्‍पताल में हुई अनोखी सर्जरी, 51 साल की महिला के दिमाग में डाला गया पेसमेकर और…

नई दिल्‍ली. गंभीर से गंभीर बीमारियों के इलाज में राजधानी का सर गंगा राम अस्‍पताल आए दिन नई-नई तकनीकों का इस्‍तेमाल कर मरीजों को जीवनदान दे रहा है. हाल ही में अस्‍पताल में एक बेहद दुर्लभ सर्जरी को अंजाम दिया गया है. गाजियाबाद की रहने वाली 51 साल की महिला सावित्री देवी पिछले 9 सालों से पार्किंसंस रोग (Parkinson’s disease) से पीड़ित थीं, जिन्‍हें दुर्लभ सर्जरी के बाद पूरी तरह ठीक कर दिया गया है.

दिल्‍ली के सर गंगाराम अस्‍पताल के न्यूरोसर्जरी विभाग में सा‍वित्री देवी करीब महीने पहले आई थी. सावित्री को बीमारी की शुरुआत में कंपकंपी और ब्रैडकिनेसिया (चलने-फिरने में कठिनाई) की परेशानी हुई और बाद में उसमें कठोरता आ गई. दवाओं के साथ उसका इलाज किया जा रहा था लेकिन उसके लक्षण बिगड़ते रहे और वह जो दवाएं ले रही थीं उससे साइड इफेक्ट होने लगे. बिना दवाओं के वह न तो ठीक से चल पाती थी और न करवट लेती थीं और न ही बिस्तर से उठ पाती थी. दवाओं से, वह अपने हाथों और पैरों को नियंत्रित नहीं कर पाती थी और वे उनके नियंत्रण के बिना चलते थे.

कई अस्पतालों में इलाज कराने के बाद भी उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ और उसके लक्षण बिगड़ते गए. वह आखिरकार गंगाराम अस्‍पताल में उनका गहन मूल्यांकन किया गया. अस्‍पताल में सावित्री को डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (Deep Brain Stimulation)का विकल्प दिया गया.

आपके शहर से (दिल्ली-एनसीआर)

राज्य चुनें
दिल्ली-एनसीआर

राज्य चुनें
दिल्ली-एनसीआर

अस्‍पताल के न्यूरोसर्जरी डिपार्टमेंट में एसोसिएट कंसल्टेंट डॉ. श्रेय जैन के अनुसार, ‘डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (Deep Brain Stimulation) एक नई सर्जरी है, जिसमें आप मस्तिष्क के विशेष क्षेत्रों को उत्तेजित करते हैं. यह दिमाग के पेसमेकर की तरह ही काम करता है. इस मामले में, हमने मस्तिष्क के सबथैलेमिक न्यूक्लियस (Subthalamic nucleus) को उत्तेजित करने की योजना बनाई. सर्जरी का उद्देश्य बीमारी को नियंत्रित करने और रोगी की जीवनशैली में सुधार करने में मदद करना है. यह विशेष रूप से पार्किंसंस रोग, कंपकंपी, डायस्टोनिया जैसी बीमारियों में उपयोगी है. इसका मूल्यांकन करने पर अवसाद और उन्माद जैसी मानसिक स्थितियों के लिए सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए. मिनिमली इनवेसिव सर्जरी (minimally invasive surgery) तब की जाती है जब मरीज पूरी सर्जरी के दौरान कुशल एनेस्थेटिस्ट और तकनीशियनों की सहायता से उन्नत गैजेट्स के बैक अप के साथ जाग रहा होता है.’

डॉ. जैन ने आगे बताया, ‘इसमिनिमली इनवेसिव सर्जरी (minimally invasive surgery)में खोपड़ी में दो छोटे छिद्रों के माध्यम से गहरे मस्तिष्क में इलेक्ट्रोड को द्विपक्षीय रूप से पारित किया जाता है. सर्जरी के दौरान मरीज की लगातार जांच और ब्रेन इलेक्ट्रिक करंट (brain electric current) रिकॉर्ड कर लोकेशन की पुष्टि की गई. सर्जरी के दौरान उसके बातचीत, आंखों की गति और अंगों की शक्ति पर नजर रखी जा रही थी और यह देखा जा रहा था कि उसके लक्षणों में कैसे सुधार हो रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सर्जरी का प्रभाव कम से कम जटिलताओं के साथ अधिकतम हो. सर्जरी के दौरान, उसने एक बिंदु पर बोलना बंद कर दिया, इसलिए इलेक्ट्रोड को बदल दिया गया और मरीज की बोलने की शक्ति वापस आ गई. इलेक्ट्रोड सही स्थिति में हैं यह सुनिश्चित करने के लिए सर्जरी के बाद सीटी स्कैन (CT Scan) भी किया गया था. बाद में पेसमेकर की तरह छाती की दीवार में बैटरी डाली गई.’

सर्जरी के बाद यह मरीज काफी हद तक ठीक हो गया है और दवाओं के किसी भी दुष्प्रभाव के बिना सामान्य जीवन जीने में सक्षम है. दवाओं की खुराक कम हो गई है और उनके दुष्प्रभाव कम से कम हैं. सावित्री देवी बहुत खुश हैं और लगभग सामान्य जीवन जी रही हैं जो उन्‍हें असंभव लगता था, हाथ-पैर कांपने के लक्षणों में काफी सुधार हुआ है, वह अब चीजों को ठीक से पकड़ सकती हैं.

डॉ. अजीत के. सिन्हा सीनियर कंसलटेंट ने बताया, ‘अब बहुत कम चुनिंदा स्थानों पर सर्जरी उपलब्ध हैं, जहां जिन बीमारियों का पहले कोई इलाज नहीं था, दवाएं कम करके नियंत्रण में लाया जा सकता है. अकेले भारत में 7 मिलियन से अधिक लोग पार्किंसंस बीमारी से पीड़ित हैं और यह बीमारी दुर्बल करने वाली हो सकती है. डीप ब्रेन स्टिमुलेशन के साथ जिन अन्य बीमारियों ने सकारात्मक परिणाम दिखाए हैं उनमें कंपकंपी, डायस्टोनिया, अवसाद, ओसीडी, मिर्गी और पुराने दर्द शामिल हैं. उन्नत होती तकनीक और सर्जिकल कौशल के साथ, लोगों को ऐसे विकल्पों के बारे में जागरूक होना चाहिए ताकि इन समस्याओं के होते हुए भी सामान्य जीवन जीने का सबसे अच्छा मौका मिल सके.’

Tags: Gangaram Hospital

Source link

Life Times
Author: Life Times